बहराइच जनपद के मोतीपुर तहसील के सर्वाधिक सूदूरवर्ती ग्राम पंचायत जंगल गुलरिहा के वन बस्ती ग्राम रामपुर रेतिया में वन अधिकार कानून 2006 के तहत दावा सत्यापन शिविर का आयोजन

बहराइच जनपद के मोतीपुर तहसील के सर्वाधिक सूदूरवर्ती ग्राम पंचायत जंगल गुलरिहा के वन बस्ती ग्राम रामपुर रेतिया में वन अधिकार कानून 2006 के तहत दावा सत्यापन शिविर का आयोजन

रिपोर्ट आरडी कुशवाहा

 

 

 

बहराइच जनपद के मोतीपुर तहसील के सर्वाधिक सूदूरवर्ती ग्राम पंचायत जंगल गुलरिहा के वन बस्ती ग्राम रामपुर रेतिया में वन अधिकार कानून 2006 के तहत दावा सत्यापन शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति के अध्यक्ष नंदलाल ने की।वन अधिकार दावा सत्यापन शिविर का उद्घाटन डा.संजय कुमार, उपजिलाधिकारी मोतीपुर ने “भारतीय संविधान” पर माल्यार्पण कर के किया। शिविर का संचालन करते हुए सामाजिक कार्यकर्ता जंग हिंदुस्तानी ने बताया कि बहराइच जिले में कतरनियाघाट वन्यजीव प्रभाग में वर्तमान 19 वन बस्तियां मौजूद हैं जिनमें अन्य परंपरागत वन निवासी निवास करते हैं।इनमें से पांच गांव राजस्व ग्राम की श्रेणी में जा चुके हैं जबकि शेष बन बस्तियां राजस्व में परिवर्तन होने का इंतजार कर रही हैं।
मुख्य अतिथि श्री संजय कुमार उपजिला अधिकारी मोतीपुर ने कहा कि आज के दावा सत्यापन शिविर में पहुंचकर उन्हें प्रसन्नता हुई है कि वन अधिकार कानून का लाभ दिलाने के लिए पूरी मेहनत और लगन के साथ कार्य किया जा रहा है। वन अधिकार कानून 2006 के सभी उपबंधों का ठीक तरह से परिपालन करते हुए ग्राम स्तरीय समिति दावों का सत्यापन कर रही है जो काफी सराहनीय है। लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद शेष बचे गांव में दावा सत्यापन की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और उन्हें उपखंड स्तरीय समिति से स्वीकृत करते हुए जिला स्तरीय वन अधिकार समिति को संस्तुति के साथ भेज दिया जाएगा। उन्होंने वन निवासियों के धैर्य की सराहना करते हुए कहा कि जिन विषम परिस्थितियों में वन निवासी जीवन यापन कर रहे हैं और उसके बावजूद शांति और धैर्य का परिचय दे रहे हैं यह अपने आप में एक मिसाल है। उनके स्तर पर जो भी वन अधिकार की प्रक्रियाएं लंबित है उसे लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद पूरी करने के लिए वह कटिबद्ध है।
ग्राम स्तरीय वन अधिकार समिति के सचिव श्री श्याम बिहारी ने बताया कि उन्हें अब तक 324 दावेदारों की दावा पत्रावलियां प्राप्त हुई है जिस पर भौतिक सत्यापन के साथ स्वीकृत अथवा अस्वीकृत करने की प्रक्रिया संचालित की जा रही है। यह सत्यापन प्रक्रिया 25 फरवरी से शुरू होकर 25 मार्च को समाप्त होगी। दावेदारों को अपनी पत्रावली में आवश्यक साक्ष्य संधारित करने के लिए समय दिया जा रहा है।
ग्राम पंचायत प्रतिनिधि प्रीतम निषाद ने कहा कि वन अधिकार कानून अपने आप में एक वरदान है जो सदियों से दबे कुचले वन निवासियों के लिए रामबाण साबित हो रहा है।
जंगल गुलरिया के प्रधान प्रतिनिधि शिवकुमार ने दावा सत्यापन शिविर में आए हुए सभी अधिकारियों कर्मचारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
वन अधिकार दावा सत्यापन शिविर में सैकड़ो महिला पुरुष मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *