स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा छोड़ने का किया ऐलान! अखिलेश को ‘भावुक’ चिट्ठी लिखकर छोड़ा महासचिव पद

स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा छोड़ने का किया ऐलान! अखिलेश को ‘भावुक’ चिट्ठी लिखकर छोड़ा महासचिव पद

रिपोर्ट आरडी कुशवाहा

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कथित तौर पर समाजवादी पार्टी छोड़ दी है। उन्होंने पहले पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दिया था। सपा मुखिया अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपना पद छोड़ा है।

लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर इस्तीफा दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि वह पार्टी में कार्यकर्ता के तौर पर काम करते रहेंगे। चिट्ठी में अपने बयानों पर पार्टी के रुख को लेकर स्वामी प्रसाद ने नाराजगी जताई है। बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य लंबे समय से अपने विवादित बयानों की वजह से चर्चा में रहे हैं। उनके बयानों से सपा और अखिलेश यादव भी कई बार असहज हुए हैं। रामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान से देशव्यापी विवाद हुआ था। सपा के भीतर भी पार्टी के कई नेताओं ने अखिलेश से स्वामी पर ऐक्शन लेने की अपील की थी।

इससे पहले स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखकर पार्टी के महासचिव पद से इस्तीफा दिया था। उन्होंने अपने विवादित बयानों के लिए पार्टी की ओर से निजी बताए जाने पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि इसकी वजह से अगर पार्टी का जनाधार बढ़ रहा है तो ये बयान निजी कैसे हो सकते हैं? उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में महासचिव पद के अलग-अलग लोगों के बयानों के साथ भेदभाव किया जाता है। मौर्य ने अखिलेश से कई तरह की शिकायतें भी की हैं।

मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव के सामने जातिवार जनगणना कराने, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और पिछड़ो के आरक्षण को बचाने, बेरोजगारी और बढ़ी हुई महंगाई, किसानों की समस्याओं और लाभकारी मूल्य दिलाने, लोकतंत्र तथा संविधान को बचाने, देश की राष्ट्रीय संपत्तियों को निजी हाथ में बेचे जाने के विरोध में प्रदेश व्यापी भ्रमण कार्यक्रम के लिए रथ यात्रा निकालने का प्रस्ताव रखा था। इस पर उन्होंने सहमति भी दी थी और कहा था कि होली के बाद इस यात्रा को निकाला जाएगा। आश्वासन के बाद भी कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया। उन्होंने कहा कि नेतृत्व की मंशा के अनुरूप मैंने पुनः उनसे इस बारे में कहना उचित नहीं समझ

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